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ग़ज़ल- हम मुस्कुराते रहे

Meri tanhayi
Meri tanhayi
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Gazal

हर गम सहकर जो हम मुस्कुराते रहे ।
वो और भी जुल्म हम पर ढाते रहे ।।

उनके लिए तो मै कुछ भी न था ,
हम ही एकतरफा रिश्ता निभाते रहे ॥

घर पर मेरे कोई आता न था ,
बस गम ही थे जो कि आते रहे ॥

भूल जाता हू मै भूल जाना उसे ,
याद आया वही जो भुलाते रहे॥

एक मेरे साथ कुछ उम्मीद जागती रही ,
अपने गम और तन्हाई को हम सुलाते रहे ॥

–गोपाल के.

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