Menu
blogid : 10234 postid : 590662

कांग्रेस आई मंहगाई लाई

Meri tanhayi
Meri tanhayi
  • 85 Posts
  • 124 Comments

जबसे देश में कांग्रेस की सरकार आई है तबसे लगातार मंहगाई सुरसा की तरह मुँह फाड़े जा रही है और आम जनता मंहगाई के बोझ तले दबा जा रहा है। अगर ऐसा ही रहा तो गरीबी हमारे देश से भले न ख़त्म हो सके लेकिन बेचारे गरीब जरुर ख़त्म हो जायेंगे, वैसे भी केंद्र सरकार गरीबी के आंकड़े कम दिखने के चक्कर में बचकानी हरकतें कर रही है कभी 25 रुपये तो कभी 35 रुपये में वो गरीबी की सीमा नापने चली है, अगर गरीब 50 रुपये रोजाना कमाता हो तो वो गरीब नहीं कहलायेगा? मतलब हमारे देश के रिक्शा चलाने वाले, मोची, फेरी वाले दुकानदार ये सब गरीब नहीं मने जायेंगे। बेहतर होता कि सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक की जगह देश में अनाज की बरबादी रोकने का उपाय करती। अगर देश में अनाज के भंडारण की समुचित व्यवस्था कर दी जाये तो शायद अनाज की इतनी बर्बादी न हो। बरसात में हजारो टन अनाज हर जिले में भीग कर बर्बाद कर दिया जाता है और उसे बाद में औने पौने दाम में कमीशनखोर अधिकारी बेच दिया करते हैं, सुना है बियर फैक्ट्री वालों को ऐसे अनाज बेचे जाते हैं। सच्चाई क्या है ये पता लगनी चाहिए। जब भी विदेश से शक्कर आयात हो कर आता है तो क्यूँ बंदरगाह पर उसे भीगने और बर्बाद करने के लिए बिना ढके छोड़ दिया जाता है? उत्तर प्रदेश में चीनी मिल कम क्यूँ होते जा रहे हैं और जो हैं भी वो अब किन किन राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा चलाये जा रहे हैं इन सब के अलावा कोल्ड स्टोर की संख्या क्यूँ नहीं बढाई जाती जबकि हर साल देश में अनाज व सब्जी आदि के उत्पादन में पिछले रिकॉर्ड टूट रहे हैं तो क्या उनका भंडारण उतने ही जगह में हो सकता है? डीज़ल के दाम में फिर से बढ़ोत्तरी हो गयी है इस से और ज्यादा मंहगाई बढ़ेगी, विश्व के लिए जबसे देश का बाजार खोल गया है देश का उद्धार तो नहीं दिखा हाँ नेताओं का उद्धार जरुर होता दिखा है और बेचारी जनता खुद को गरीबी रेखा के नीचे जाने से रोकने को अब जद्दो जहद करती दिख रही है। हमारे वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री सभी एक ही संवाद बोल करते हैं कि हमारे पास जादू की छड़ी नहीं है। तो फिर आप उस कुर्सी पर बैठ कर क्या कर रहे हैं? जब देश का मुखिया ही ऐसी मज़बूरी दिखायेगा तो बाकि सभी उसका अनुशरण ही करेंगे न? रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बीच बीच में कई बार परिवर्तन किये पर हालात बद से और बद्तर हुए जा रहे हैं। एक शेर याद आ गया- मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की, दवा नकली होगी तो असर कहाँ से होगा? मतलब सही समाधान चाहिए न कि दिखावा।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply